अमृतवाणी
May 16, 2022 Leave a comment
क्या हम जिंदगी भर, बीबी – बच्चों को ही खिलाते रहेंगे? जिस पर मनुष्य का भविष्य टिका है, क्या उसके लिए कुछ नहीं कर सकेंगे? अपने लिये अधिक, समाज के लिए इतना कम| यह कैसे होगा? मेरे गुरु ने दुखियारों की सेवा, समाज की सेवा कम की है, परन्तु उसने सारे विश्व को हीला दिया है। दूसरों के दुःखो को देखकर यह सोचते हैं कि इसके लिए हम क्या करें? उस समय में रो पड़ता हूँ तथा उसे सहायता किये बिना मेरा मन नहीं मानता है।
युगऋषि श्रीराम शर्मा आचार्य
પ્રતિભાવો