e-Books: समग्र स्वास्थ्य

समग्र स्वास्थ्य

|| ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात् ||

 (उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, सुखस्वरूप, श्रेष्ठ, तेजस्वी, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा को हम अन्तःकरण में धारण करें, वह परमात्मा हमारी बुद्धि को सन्मार्ग में प्रेरित करे ।)

|| May the almighty illumine our intellect to the righteous path || 

દરેક આર્ટીકલ્સ નિયમીત  ઈ-મેઈલ દ્વારા મેળવો. Please find below listed books on   Holistic Health

समग्र स्वास्थ्य संवर्धन कैसे हो ? मसाला वाटिका से घरेलू उपचार
1 स्वास्थ्य क्या है 1
2 स्वास्थ्य गँवा बैठने में कोई समझदारी नहीं 2 राई
3 स्वास्थ्य रक्षा की छोटी किन्तु महत्त्वपूर्ण बातें 3 हल्दी
4 मानसिक संतुलन इस प्रकार सही हो 4 अदरक
5 समग्र स्वास्थ्य का शुभारम्भ आत्मनिर्माण से 5 सौंफ
6 समर्थ प्रगतिशीलता कैसे अर्जित हो 6 मेथी
7 परिवार परिकर की सदस्यता 7 जीरा
8 स्वास्थ्य क्या है 8 मिर्च
9 स्वास्थ्य गँवा बैठने में कोई समझदारी नहीं 9 पुदीना
10 स्वास्थ्य रक्षा की छोटी किन्तु महत्त्वपूर्ण बातें 10 पिप्पली
11 मानसिक संतुलन इस प्रकार सही हो 11 गिलोय
12 समग्र स्वास्थ्य का शुभारम्भ आत्मनिर्माण से 12 तुलसी
13 समर्थ प्रगतिशीलता कैसे अर्जित हो 13 अजवायन
14 परिवार परिकर की सदस्यता 14 धनिया
घरेलू चिकित्सा 15 टमाटर
1 घरेलू चिकित्सा(मलेरिया) 16 लहसुन
2 विषम ज्वर 17 ग्वारपाठा (घृतकुमारी)
3 संतत ज्वर 18 प्याज
4 जाङे का बुखार 19 आँवला
5 लु लगने का बुखार 20 सुहागा
6 तिल्ली बड़ने पर 21 हींग
7 चेचक 22 काला नमक
8 खांसी 23 लौंग
9 सर्दी-जुकाम 24 तेजपत्रक
10 श्वांस 25 दालचीनी
11 हिचकी 26 मसाला वाटिका से घरेलू उपचार
12 गला बैट जाना और गले का दरद 27 राई
13 प्रमेह 28 हल्दी
14 शीघ्र पतन 29 अदरक
15 बहुमूत्र 30 सौंफ
16 वात्-व्याधि 31 मेथी
17 विषों का उपचार 32 जीरा
18 आग के जलने पर 33 मिर्च
19 आखें दुखना 34 पुदीना
20 कान का दर्द और बहना 35 पिप्पली
21 रक्त विकार 36 गिलोय
22 सुखी उबकाई-बमन 37 तुलसी
23 हैजा 38 अजवायन
24 अनिद्रा 39 धनिया
25 दस्त 40 टमाटर
26 बवासीर 41 लहसुन
27 मोटापा 42 ग्वारपाठा (घृतकुमारी)
28 बच्चों के रोगो की चिकित्सा 43 प्याज
29 घरेलू चिकित्सा(मलेरिया) 44 आँवला
30 विषम ज्वर 45 सुहागा
31 संतत ज्वर 46 हींग
32 जाङे का बुखार 47 काला नमक
33 लु लगने का बुखार 48 लौंग
34 तिल्ली बड़ने पर 49 तेजपत्रक
35 चेचक 50 दालचीनी
36 खांसी गमलों में स्वास्थ्य
37 सर्दी-जुकाम 1
38 श्वांस 2 अडूसा (वासा)
39 हिचकी 3 अपामार्ग (चिरचिरा)
40 गला बैट जाना और गले का दरद 4 रक्तार्क (आक)
41 प्रमेह 5 अन्तमूल
42 शीघ्र पतन 6 अदरख
43 बहुमूत्र 7 अनार
44 वात्-व्याधि 8 अमरुद
45 विषों का उपचार 9 अमृता (गिलोय)
46 आग के जलने पर 10 कंटकारी
47 आखें दुखना 11 कासमर्द (कसौंदी)
48 कान का दर्द और बहना 12 गुडहल (जपा)
49 रक्त विकार 13 गोक्षुर (गोखरु)
50 सुखी उबकाई-बमन 14 घृतकुमारी
51 हैजा 15 तुलसी (काली/सफेद)
52 अनिद्रा 16 दुग्धिका (दुद्धी)
53 दस्त 17 नील शंखपुष्पी (विष्णुक्रान्ता)
54 बवासीर 18 बड़ी लोणा
55 मोटापा 19 भुईं आँमला
56 बच्चों के रोगो की चिकित्सा 20 भृंगराज (भांगरा)
बिना औषधि के कायाकल्प 21 मोगरा (मोतिया)
1 पीछे की ओर लौटो 22 चक्रमर्द
2 उत्तम स्वास्थ्य के चार सूत्र 23 जलब्राह्मी (जलनीम)
3 कमजोरी और बीमारी का कारण 24 पुदीना (पूतिहा)
4 कलपुर्जों की सफाई 25 पत्थरचूर्ण (पर्णबीज)
5 शरीर शुद्धि और कायाकल्प 26 विधारा (घाव पत्ता)
6 पीछे की ओर लौटो 27 हल्दी (हरिद्रा)
7 उत्तम स्वास्थ्य के चार सूत्र 28 अतिबला
8 कमजोरी और बीमारी का कारण 29 अडूसा (वासा)
9 कलपुर्जों की सफाई 30 अपामार्ग (चिरचिरा)
10 शरीर शुद्धि और कायाकल्प 31 रक्तार्क (आक)
चिरयुवा का रहस्योद्गाटन 32 अन्तमूल
1 जीवन रस को छक कर पीते ये चिर युवा 33 अदरख
2 दीर्घायुष्य का रहस्य 34 अनार
3 आयु और स्वास्थ्य शरीर पर नहीं, मन पर निर्भर 35 अमरुद
4 ये भ्रान्तिपूर्ण मान्यता मिटेगी तो ही शरीर स्वस्थ होगा 36 अमृता (गिलोय)
5 आहार पोषक ही नहीं, शुद्ध भी हो 37 कंटकारी
6 आसन व्यायाम स्वस्थ व पुष्ट शरीर के लिए अत्यन्त अनिवार्य 38 कासमर्द (कसौंदी)
7 सूर्य सेवन से जीवनी शक्ति बढ़ाइए 39 गुडहल (जपा)
8 जड़ीबूटी प्रयोग उपचार की एक पूर्णतः नैसर्गिक विद्या 40 गोक्षुर (गोखरु)
9 जीवन रस को छक कर पीते ये चिर युवा 41 घृतकुमारी
10 दीर्घायुष्य का रहस्य 42 तुलसी (काली/सफेद)
11 आयु और स्वास्थ्य शरीर पर नहीं, मन पर निर्भर 43 दुग्धिका (दुद्धी)
12 ये भ्रान्तिपूर्ण मान्यता मिटेगी तो ही शरीर स्वस्थ होगा 44 नील शंखपुष्पी (विष्णुक्रान्ता)
13 आहार पोषक ही नहीं, शुद्ध भी हो 45 बड़ी लोणा
14 आसन व्यायाम स्वस्थ व पुष्ट शरीर के लिए अत्यन्त अनिवार्य 46 भुईं आँमला
15 सूर्य सेवन से जीवनी शक्ति बढ़ाइए 47 भृंगराज (भांगरा)
16 जड़ीबूटी प्रयोग उपचार की एक पूर्णतः नैसर्गिक विद्या 48 मोगरा (मोतिया)
स्वास्थ्य रक्षा प्रकृति के अनुसरण से ही संभव 49 चक्रमर्द
1 प्राकृतिक जीवन हर दृष्टि से निरापद 50 जलब्राह्मी (जलनीम)
2 आधुनिक कृत्रिम रहन-सहन अर्थात् रोगों को आमंत्रण 51 पुदीना (पूतिहा)
3 जीवनी शक्ति बढ़ाए, वही चिकित्सा उचित है 52 पत्थरचूर्ण (पर्णबीज)
4 स्वास्थ्य की कुँजी अपनी मुट्ठी में 53 विधारा (घाव पत्ता)
5 आहार शुद्धि भी उतनी अनिवार्य 54 हल्दी (हरिद्रा)
6 आरोग्य एवं चिर यौवन का रहस्योद्घाटन विकृत चिन्तन-रोग शोक का मूलभूत कारण
7 प्रफुल्लता सुगठित स्वास्थ्य हेतु अनिवार्य आवश्यकता 1
8 उपवास एक समर्थ उपचार पद्धति 2 समस्त विग्रहों की जड़ अहंकार
9 दीर्घायुष्य एक बहुमूल्य वरदान 3 समस्त दुखों का कारण विकृत चिंतन
10 स्वास्थ्य को भी महत्त्व मिले 4 अपने मनोबल को बढ़ाएँ-गिराएँ नही
11 प्राकृतिक जीवन हर दृष्टि से निरापद 5 मस्तिष्क को स्वच्छंद न फिरने न दें
12 आधुनिक कृत्रिम रहन-सहन अर्थात् रोगों को आमंत्रण 6 भोगवादी चिंतन शैली को पलटना होगा
13 जीवनी शक्ति बढ़ाए, वही चिकित्सा उचित है 7 दूरदर्शिता का पल्ला कभी न छोड़ें
14 स्वास्थ्य की कुँजी अपनी मुट्ठी में 8 अपनी सहजता कभी न गँवाएँ
15 आहार शुद्धि भी उतनी अनिवार्य 9 छोटी बातों की भी उपेक्षा न की जाय
16 आरोग्य एवं चिर यौवन का रहस्योद्घाटन 10 आकांक्षाओं को विकृत न होने दे
17 प्रफुल्लता सुगठित स्वास्थ्य हेतु अनिवार्य आवश्यकता 11 समस्त विग्रहों की जड़ अहंकार
18 उपवास एक समर्थ उपचार पद्धति 12 समस्त दुखों का कारण विकृत चिंतन
19 दीर्घायुष्य एक बहुमूल्य वरदान 13 अपने मनोबल को बढ़ाएँ-गिराएँ नही
20 स्वास्थ्य को भी महत्त्व मिले 14 मस्तिष्क को स्वच्छंद न फिरने न दें
असंयम बनाम आत्मघात 15 भोगवादी चिंतन शैली को पलटना होगा
1 शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम् 16 दूरदर्शिता का पल्ला कभी न छोड़ें
2 धर्म साधन में शरीर रक्षा का महत्त्व 17 अपनी सहजता कभी न गँवाएँ
3 आरोग्य का मूल महत्व समझें 18 छोटी बातों की भी उपेक्षा न की जाय
4 गम्भीर एवं महत्त्वपूर्ण समस्या सूर्य चिकित्सा विज्ञान
5 हनुमान जी की सच्ची उपासना 1
6 हम स्वास्थ्य और शक्ति की उपेक्षा न करें 2 रोगों का कारण
7 स्वास्थ्य सुधार के लिए धैर्य की आवश्यकता 3 रोगों का निदान
8 उतावली न की जाय 4 सूर्य का रंग
9 आरोग्य रक्षा के प्रति सतर्क रहें 5 शरीर में रासायनिक पदार्थ
10 शरीरमाद्यं खलु धर्मसाधनम् 6 नीले रंग के गुण
11 धर्म साधन में शरीर रक्षा का महत्त्व 7 लाल रंग के गुण
12 आरोग्य का मूल महत्व समझें 8 पीले रंग के गुण
13 गम्भीर एवं महत्त्वपूर्ण समस्या 9 मिश्रित रंग
14 हनुमान जी की सच्ची उपासना 10 काँच का चुनाव
15 हम स्वास्थ्य और शक्ति की उपेक्षा न करें 11 चिकित्सा विधि
16 स्वास्थ्य सुधार के लिए धैर्य की आवश्यकता 12 जानने योग्य कुछ आवश्यक बातें
17 उतावली न की जाय 13 भिन्न भिन्न रोगों की चिकित्सा
18 आरोग्य रक्षा के प्रति सतर्क रहें 14 चिरस्थाई रोग
सात्विक जीवनचर्या और दीर्घायुष्य 15 आकस्मिक रोग
1 आरोग्य और दीर्घ जीवन इस तरह प्राप्त करें 16 स्त्रियों के रोग
2 लम्बी उम्र के तीन साधन 17 सूर्य सेवन
3 दीर्ध जीवन के स्वर्ण सूत्र 18 सूर्य चिकित्सा विज्ञान
4 सात अनुभूत महामंत्र 19 रोगों का कारण
5 दीर्घ जीवन के आध्यात्मिक कारण । 20 रोगों का निदान
6 विचारशील लोग दीर्घायु होते हैं 21 सूर्य का रंग
7 सतत श्रमशील रहें-दीर्घ जीवन जिएँ 22 शरीर में रासायनिक पदार्थ
8 दीर्घ आयु प्राप्ति का रहस्य 23 नीले रंग के गुण
9 सात्विक आहार विहार का उपहार-दीर्घायुः 24 लाल रंग के गुण
10 आरोग्य और दीर्घ जीवन इस तरह प्राप्त करें 25 पीले रंग के गुण
11 लम्बी उम्र के तीन साधन 26 मिश्रित रंग
12 दीर्ध जीवन के स्वर्ण सूत्र 27 काँच का चुनाव
13 सात अनुभूत महामंत्र 28 चिकित्सा विधि
14 दीर्घ जीवन के आध्यात्मिक कारण । 29 जानने योग्य कुछ आवश्यक बातें
15 विचारशील लोग दीर्घायु होते हैं 30 भिन्न भिन्न रोगों की चिकित्सा
16 सतत श्रमशील रहें-दीर्घ जीवन जिएँ 31 चिरस्थाई रोग
17 दीर्घ आयु प्राप्ति का रहस्य 32 आकस्मिक रोग
18 सात्विक आहार विहार का उपहार-दीर्घायुः 33 स्त्रियों के रोग
प्राणायाम से आधि-व्याधि निवारण 34 सूर्य सेवन
1 प्राण का स्वरूप एवं तत्त्वज्ञान तुलसी के चमत्कारी गुण
2 प्राणशक्ति से संकल्प बल का अभिवर्धन, प्रसुप्त का जागरण 1
3 प्राणायाम मनोबल वर्धक एक श्रेष्ठ उपचार पद्धति 2 तुलसी की अपार महिमा
4 प्राणायाम चिकित्सा से मनोविकार का उपचार 3 तुलसी की रोगनाशक शक्ति
5 प्राणयोग साधना के आध्यात्मिक प्रयोग 4 तुलसी प्रकृति के अनुकूल औषधि है
6 प्राण का स्वरूप एवं तत्त्वज्ञान 5 तुलसी की कई जातियाँ
7 प्राणशक्ति से संकल्प बल का अभिवर्धन, प्रसुप्त का जागरण 6 सब प्रकार के ज्वर
8 प्राणायाम मनोबल वर्धक एक श्रेष्ठ उपचार पद्धति 7 स्त्रियों के विशेष रोग
9 प्राणायाम चिकित्सा से मनोविकार का उपचार 8 बच्चों के रोग
10 प्राणयोग साधना के आध्यात्मिक प्रयोग 9 उदर रोगों पर
आसन और प्राणायाम 10 फोड़ा, घाव और चर्म रोग
1 11 मस्तिष्क और स्नायु संबंधी रोग
2 आसन क्यों और कैसे 12 सर्पदंश पर तुलसी का प्रयोग
3 अन्य व्यायाम 13 तुलसी उपासना द्वारा मानसिक चिकित्सा
4 प्राणायाम की महत्ता 14 तुलसी कवच
5 आध्यात्मिक साधना के लिए पद्मासन 15 तुलसी का प्रचार बढ़ाइए
6 शवासन 16 तुलसी के चमत्कारी गुण
7 व्यायाम और प्राणायाम के सम्मिलित अभ्यास 17 तुलसी की अपार महिमा
8 प्राणायाम की कुछ विधियाँ 18 तुलसी की रोगनाशक शक्ति
9 प्राणायाम संबंधी अनुभव 19 तुलसी प्रकृति के अनुकूल औषधि है
10 आसन क्यों और कैसे 20 तुलसी की कई जातियाँ
11 अन्य व्यायाम 21 सब प्रकार के ज्वर
12 प्राणायाम की महत्ता 22 स्त्रियों के विशेष रोग
13 आध्यात्मिक साधना के लिए पद्मासन 23 बच्चों के रोग
14 शवासन 24 उदर रोगों पर
15 व्यायाम और प्राणायाम के सम्मिलित अभ्यास 25 फोड़ा, घाव और चर्म रोग
16 प्राणायाम की कुछ विधियाँ 26 मस्तिष्क और स्नायु संबंधी रोग
प्राण चिकित्सा विज्ञान 27 सर्पदंश पर तुलसी का प्रयोग
1 28 तुलसी उपासना द्वारा मानसिक चिकित्सा
2 प्राण चिकित्सा के विशेषताएँ । 29 तुलसी कवच
3 प्राण चिकित्सा का इतिहास 30 तुलसी का प्रचार बढ़ाइए
4 प्राणाकर्षण क्रिया प्रायोगिक वनौषधि विज्ञान
5 रोगों का निदान 1
6 रोगी का उपचार 2 जलनीम, मण्डूकपर्णी, ब्राह्मी
7 किस रोग में क्या उपचार 3 भुई आँवला, अमरुद, सर्पगंधा
8 प्राण चिकित्सा के प्रमुख उपचार 4 अपामार्ग, घृतकुमारी
9 कुछ रोग निवारक श्वासक्रियाएँ 5 सफेद मूसली, बिजौरा, काली मूसली
10 मन्त्रित वस्तुओं द्वारा उपचार 6 निर्गुंडी
11 अपना इलाज 7 बला, चांगेरी, गिलोय
12 प्राण चिकित्सकों की निजी सलाह 8 मौलश्री, मीठी नीम
13 किसी खास रोग का उपचार 9 जंगली प्याज, तुलसी-रामा-श्यामा
14 मानसिक चिकित्सा 10 बड़ी लूणा (दुग्धी), अश्वगंधा
15 महान प्राण तत्व 11 शरपुंखा, जल पीपल
16 प्राण चिकित्सा के विशेषताएँ । 12 बिल्व, एरण्ड
17 प्राण चिकित्सा का इतिहास 13 कंटकारि
18 प्राणाकर्षण क्रिया 14 छोटी इलायची, आँवला
19 रोगों का निदान 15 मुरवा, कपूर कचरी
20 रोगी का उपचार 16 महाबला, काशमर्द
21 किस रोग में क्या उपचार 17 चक्रमर्द, अमलताश
22 प्राण चिकित्सा के प्रमुख उपचार 18 मकोय, वृहती
23 कुछ रोग निवारक श्वासक्रियाएँ 19 पत्थर चूर, सुदर्शन
24 मन्त्रित वस्तुओं द्वारा उपचार 20 कचनार, सहदेवी
25 अपना इलाज 21 तेजपात, कुंदरु
26 प्राण चिकित्सकों की निजी सलाह 22 रक्त एरंड, रतन ज्योति-जंगली एरण्ड
27 किसी खास रोग का उपचार 23 चाँदनी, पितौजिया (पुत्रवंती)
28 मानसिक चिकित्सा 24 पीपल, कृत्रिम अशोक
स्फूर्ति और मस्ती से भरा बुढ़ापा 25 दुर्वा घास, हरड़
1 26 पीला कनेर, बैगुन, विधारा
2 मनुष्य का दीर्घजीवी होना संभव 27 पिप्पली, पहाड़ी पिप्पली
3 मानवी विकास एवं सौभाग्य का सर्वोत्तमकाल 28 थूहर, पाठा
4 बूढा़ होने की तो बात ही न सोचे 29 पीत वासा, काला वासा
5 प्राच्य और पाश्चात्य लोगों के बुढा़पे में अंतर 30 अनार, भारंगी
6 सुखद बुढा़पे की पूर्व से तैयारी करें 31 खदीर, करंज
7 बुढा़पे की रोकथाम संभव भी और सरल भी 32 हल्दी, काली हल्दी
8 मानवी विकास एवं सौभाज्ञ का सर्वोत्तम काल 33 बाँस (वंशलोचन), मालकांगनी
9 मनुष्य का दीर्घजीवी होना संभव 34 चीढ, मयुर पंख, केवकंद
10 मानवी विकास एवं सौभाग्य का सर्वोत्तमकाल 35 बहेड़ा, बड़ी दुग्धी
11 बूढा़ होने की तो बात ही न सोचे 36 जलनीम, मण्डूकपर्णी, ब्राह्मी
12 प्राच्य और पाश्चात्य लोगों के बुढा़पे में अंतर 37 भुई आँवला, अमरुद, सर्पगंधा
13 सुखद बुढा़पे की पूर्व से तैयारी करें 38 अपामार्ग, घृतकुमारी
14 बुढा़पे की रोकथाम संभव भी और सरल भी 39 सफेद मूसली, बिजौरा, काली मूसली
मनोविकार सर्वनाशी शत्रु 40 निर्गुंडी
1 41 बला, चांगेरी, गिलोय
2 निराशा का अभिशाप परिताप 42 मौलश्री, मीठी नीम
3 निराशा छोड़कर उठिए और आगे बढ़िए 43 जंगली प्याज, तुलसी-रामा-श्यामा
4 आत्मविश्वास जागृत रहे 44 बड़ी लूणा (दुग्धी), अश्वगंधा
5 आत्मविश्वास एक वास्तविक बल 45 शरपुंखा, जल पीपल
6 हमारा आत्मविश्वास जागृत हो 46 बिल्व, एरण्ड
7 आत्महीनता की ग्रंथि से अपने को जकड़िए मत 47 कंटकारि
8 आध्यात्मिक आधार ही सभी मनोरोगों का उपचार 48 छोटी इलायची, आँवला
9 मानसिक रोगों का प्रेमोपचार 49 मुरवा, कपूर कचरी
10 मानसिक अवसाद का घातक प्रमाद 50 महाबला, काशमर्द
11 निराशा का अभिशाप परिताप 51 चक्रमर्द, अमलताश
12 निराशा छोड़कर उठिए और आगे बढ़िए 52 मकोय, वृहती
13 आत्मविश्वास जागृत रहे 53 पत्थर चूर, सुदर्शन
14 आत्मविश्वास एक वास्तविक बल 54 कचनार, सहदेवी
15 हमारा आत्मविश्वास जागृत हो 55 तेजपात, कुंदरु
16 आत्महीनता की ग्रंथि से अपने को जकड़िए मत 56 रक्त एरंड, रतन ज्योति-जंगली एरण्ड
17 आध्यात्मिक आधार ही सभी मनोरोगों का उपचार 57 चाँदनी, पितौजिया (पुत्रवंती)
18 मानसिक रोगों का प्रेमोपचार 58 पीपल, कृत्रिम अशोक
स्फूर्ति और मस्ती से भरा बुढ़ापा 59 दुर्वा घास, हरड़
1 60 पीला कनेर, बैगुन, विधारा
2 मनुष्य का दीर्घजीवी होना संभव 61 पिप्पली, पहाड़ी पिप्पली
3 मानवी विकास एवं सौभाग्य का सर्वोत्तमकाल 62 थूहर, पाठा
4 बूढा़ होने की तो बात ही न सोचे 63 पीत वासा, काला वासा
5 प्राच्य और पाश्चात्य लोगों के बुढा़पे में अंतर 64 अनार, भारंगी
6 सुखद बुढा़पे की पूर्व से तैयारी करें 65 खदीर, करंज
7 बुढा़पे की रोकथाम संभव भी और सरल भी 66 हल्दी, काली हल्दी
8 मानवी विकास एवं सौभाज्ञ का सर्वोत्तम काल 67 बाँस (वंशलोचन), मालकांगनी
9 मनुष्य का दीर्घजीवी होना संभव 68 चीढ, मयुर पंख, केवकंद
10 मानवी विकास एवं सौभाग्य का सर्वोत्तमकाल पर्यावरण असंतुलन-जिम्मेदार कौन
11 बूढा़ होने की तो बात ही न सोचे 1
12 प्राच्य और पाश्चात्य लोगों के बुढा़पे में अंतर 2 पर्यावरण प्रदूषण में एक प्राथमिक कारण : नासमझी
13 सुखद बुढा़पे की पूर्व से तैयारी करें 3 प्रकृति से खिलवाड़
14 बुढा़पे की रोकथाम संभव भी और सरल भी 4 वैज्ञानिक प्रगति बनाम प्राकृतिक असंतुलन
जल्दी मरने की उतावली ना करें 5 अप्राकृतिक जीवन
1 6 युद्ध और पर्यावरण
2 शारीरिक गतिविधियाँ मनोवेगों द्वारा संचालित 7 जनसंख्या और पर्यावरण
3 हल्के फुल्के रहें, स्वस्थ बनें 8 संस्कृति, विचार और पर्यावरण
4 चिकित्सा हेतु शरीर नहीं, मन को टटोलिए 9 पर्यावरण, प्रकृति और प्रदूषण
5 न निराश हों, न उत्तेजित 10 पर्यावरण प्रदूषण में एक प्राथमिक कारण : नासमझी
6 शरीर भले ही बुढा़ हो, मन युवा बना रहे 11 प्रकृति से खिलवाड़
7 तनाव हर स्थिति में हानिकारक है 12 वैज्ञानिक प्रगति बनाम प्राकृतिक असंतुलन
8 शारीरिक गतिविधियाँ मनोवेगों द्वारा संचालित 13 अप्राकृतिक जीवन
9 हल्के फुल्के रहें, स्वस्थ बनें 14 युद्ध और पर्यावरण
10 चिकित्सा हेतु शरीर नहीं, मन को टटोलिए 15 जनसंख्या और पर्यावरण
11 न निराश हों, न उत्तेजित 16 संस्कृति, विचार और पर्यावरण
12 शरीर भले ही बुढा़ हो, मन युवा बना रहे युग धर्म पर्यावरण संरक्षण
इंद्रिय संयम का महत्व 1
1 2 औद्योगीकरण की समस्या का समाधान
2 प्रलोभनों से सदैव सावधान रहिए 3 मृदा प्रदूषण! कैसे हो समाधान?
3 वासनाओं को जीतने के लिए आध्यात्मिक चिन्तन 4 पर्यावरण अनुकूलन और गाय
4 आवेशों से बचना आवश्यक है 5 कचरा और पर्यावरण
5 मनोवृत्तियों का सदुपयोग 6 ऊर्जा और पर्यावरण
6 इन्द्रिय-संयम और अस्वाद व्रत 7 जन संख्या वृद्धि और पर्यावरण
7 इन्द्रिय-संयम और ब्रह्मचर्य व्रत 8 वृक्ष-वनस्पति और पर्यावरण
8 संयम और सदाचार की महिमा 9 हमारे जीवन मे वनों का महत्त्व
9 इन्द्रिय नियन्त्रण का मूल मन्त्र-आत्मसंयम 10 जल प्रदूषण-कारण और निवारण
10 प्रलोभनों से सदैव सावधान रहिए 11 जीवन का पर्याय-जल
11 वासनाओं को जीतने के लिए आध्यात्मिक चिन्तन 12 स्वास्थ्य समस्या और पर्यावरण
12 आवेशों से बचना आवश्यक है 13 यज्ञ और पर्यावरण
13 मनोवृत्तियों का सदुपयोग 14 ध्वनि प्रदूषण और उसका समाधान
14 इन्द्रिय-संयम और अस्वाद व्रत 15 अध्यात्म उपचार द्वारा पर्यावरण
15 इन्द्रिय-संयम और ब्रह्मचर्य व्रत 16 पर्यावरण संतुलन एवं शान्तिकुञ्ज की भूमिका
16 संयम और सदाचार की महिमा 17 प्रदूषण का युग एवं पर्यावरण संवर्धन की अनिवार्यता
जड़ी बूटियों द्वारा स्वास्थ्य संरक्षण 18 औद्योगीकरण की समस्या का समाधान
1 19 मृदा प्रदूषण! कैसे हो समाधान?
2 वनौषधियों की उपादेयता वतर्मान परिप्रेक्ष्य में 20 पर्यावरण अनुकूलन और गाय
3 वनौषधि चिकित्सा के वैज्ञानिक आधार 21 कचरा और पर्यावरण
4 एकौषधि ही क्यों? 22 ऊर्जा और पर्यावरण
5 सूक्ष्मीकरण का विज्ञान 23 जन संख्या वृद्धि और पर्यावरण
6 प्रथम खण्ड की महत्त्वपूर्ण औषधियाँ 24 वृक्ष-वनस्पति और पर्यावरण
7 मूलहठी (ग्लिसराइजा ग्लेब्रा) 25 हमारे जीवन मे वनों का महत्त्व
8 आँवला (एम्बलीका आफीसिनेलिस) 26 जल प्रदूषण-कारण और निवारण
9 हरड़ (टमिर्नेलिया चेब्यूला) 27 जीवन का पर्याय-जल
10 बिल्व (इगल मामेर्लोज) 28 स्वास्थ्य समस्या और पर्यावरण
11 अडूसा (एढेटोडा वेसाइका) 29 यज्ञ और पर्यावरण
12 भारंगी (क्लरोडेण्ड्रान सेरेटम) 30 ध्वनि प्रदूषण और उसका समाधान
13 अर्जुन (टमिर्नेलिया अजुर्न) 31 अध्यात्म उपचार द्वारा पर्यावरण
14 पुननर्वा (बोअरहविया डिफ्यूजा) 32 पर्यावरण संतुलन एवं शान्तिकुञ्ज की भूमिका
15 ब्राह्मी (बकोपा मोनिएरा) शरीर रचना एवं क्रिया विज्ञान
16 शंखपुष्पी (कन्वाल्व्यूलस प्लूरीकॉलिस) 1
17 निगुर्ण्डी (वाइटेक्स निगुर्ण्डी) 2 कोषाणु (सेल)
18 सुण्ठी (जिंजिबर आफिसिनेल) 3 मूलधातु
19 नीम (एजाडिरेक्टा इण्डिक) 4 आयुर्वेद का भौतिक-रासायनिक सिद्धांत
20 सारिवा (हेमिडेसमस इण्डिकस) 5 प्रमाण एवं संख्या शारीरम
21 चिरायता (सुआश्शिर्या चिरायता) 6 शरीर के अंग अवयव
22 गिलोय (टीनोस्पोरा काडीर्फोलिया) 7 रक्त
23 अशोक (साराका इण्डिका) 8 मांसादि धातुएँ
24 गोक्षुर (ट्राकईबुलस टेरेस्टि्रस) 9 पुरुष प्रजनन तंत्र
25 शतावर (एस्पेरेगस रेसिमोसस) 10 उपधातु एवं स्त्री प्रजनन
26 अश्वगन्धा (विदेनिया सॉम्नीफेरा) 11 त्रिदोष परिचय
27 बीस औषधियों पर एक विहंगम दृष्टि 12 श्वसन यंत्र
28 समस्त रोगों की एक औषधि-तुलसी (ऑसीमम सैंक्टम) 13 नाड़ी संस्थान
29 परिशिष्ट-१(स्थानिय उपचार में प्रयुक्त होने वाली औषधियां) 14 आहार
30 परिशिष्ट-2 विभिन्न व्याधियों में अनुपान, पथ्य एवं अपथ्य 15 आहार-पाचन
31 जड़ीबूटी चिकित्सा-युग की महत्त्वपूणर् आवश्यकता 16 ताप-शारीरिक तापक्रम
32 वनौषधियों की उपादेयता वतर्मान परिप्रेक्ष्य में 17 मूत्रवह संस्थान
33 वनौषधि चिकित्सा के वैज्ञानिक आधार 18 शरीर-परिचय
34 एकौषधि ही क्यों? 19 कोषाणु (सेल)
35 सूक्ष्मीकरण का विज्ञान 20 मूलधातु
36 प्रथम खण्ड की महत्त्वपूर्ण औषधियाँ 21 आयुर्वेद का भौतिक-रासायनिक सिद्धांत
37 मूलहठी (ग्लिसराइजा ग्लेब्रा) 22 प्रमाण एवं संख्या शारीरम
38 आँवला (एम्बलीका आफीसिनेलिस) 23 शरीर के अंग अवयव
39 हरड़ (टमिर्नेलिया चेब्यूला) 24 रक्त
40 बिल्व (इगल मामेर्लोज) 25 मांसादि धातुएँ
41 अडूसा (एढेटोडा वेसाइका) 26 पुरुष प्रजनन तंत्र
42 भारंगी (क्लरोडेण्ड्रान सेरेटम) 27 उपधातु एवं स्त्री प्रजनन
43 अर्जुन (टमिर्नेलिया अजुर्न) 28 त्रिदोष परिचय
44 पुननर्वा (बोअरहविया डिफ्यूजा) 29 श्वसन यंत्र
45 ब्राह्मी (बकोपा मोनिएरा) 30 नाड़ी संस्थान
46 शंखपुष्पी (कन्वाल्व्यूलस प्लूरीकॉलिस) 31 आहार
47 निगुर्ण्डी (वाइटेक्स निगुर्ण्डी) 32 आहार-पाचन
48 सुण्ठी (जिंजिबर आफिसिनेल) 33 ताप-शारीरिक तापक्रम
49 नीम (एजाडिरेक्टा इण्डिक) 34 मूत्रवह संस्थान
50 सारिवा (हेमिडेसमस इण्डिकस) आध्यात्मिक चिकित्सा एक समग्र उपचार
51 चिरायता (सुआश्शिर्या चिरायता) 1
52 गिलोय (टीनोस्पोरा काडीर्फोलिया) 2 अथर्वण विद्या की चमत्कारी क्षमता
53 अशोक (साराका इण्डिका) 3 सद्गुरु की कृपा से तरते हैं भवरोग
54 गोक्षुर (ट्राकईबुलस टेरेस्टि्रस) 4 मानवी जीवन आध्यात्मिक रहस्यों से भरा
55 शतावर (एस्पेरेगस रेसिमोसस) 5 आध्यात्मिक चिकित्सा का मूल है आस्तिक
56 अश्वगन्धा (विदेनिया सॉम्नीफेरा) 6 नैतिकता की नीति, स्वास्थ्य की उत्तम डगर
57 बीस औषधियों पर एक विहंगम दृष्टि 7 कर्मफल के सिद्धान्त को समझना भी अनिवार्य
58 समस्त रोगों की एक औषधि-तुलसी (ऑसीमम सैंक्टम) 8 चित्त के संस्कारों की चिकित्सा
59 परिशिष्ट-१(स्थानिय उपचार में प्रयुक्त होने वाली औषधियां) 9 पूर्वजन्म के दुष्कर्मों का परिमार्जन जरूरी
60 परिशिष्ट-2 विभिन्न व्याधियों में अनुपान, पथ्य एवं अपथ्य 10 प्रारब्ध का स्वरूप एवं चिकित्सा में स्थान
स्वर योग से दिव्य ज्ञान 11 इन ग्रन्थों के मंत्रों में छिपे पड़े हैं अति गोपनीय प्रयोग
1 12 आध्यात्मिक तेज का प्रज्वलित पुंज होता है चिकित्सक
2 स्वर संबंधी कुछ आवश्यक जानकारी 13 आध्यात्मिक निदान-पंचक
3 स्वर बदलना 14 चिकित्सक व्यक्तित्व तप:पूत होता है
4 स्वर संयम से दीर्घ जीवन 15 ज्योतिर्विज्ञान की महती भूमिका
5 स्वर को बदलने की सरल रीति 16 तंत्र एक सम्पूर्ण विज्ञान, एक चिकित्सा पद्धति
6 अग्नि निवारण कौशल 17 मंत्र विद्या असम्भव को सम्भव बनाती है
7 स्वर परिवर्तन के हानि-लाभ 18 व्यक्तित्व की समग्र साधन हेतु चान्द्रायण तप
8 मनचाही संतान उत्पन करना 19 प्रत्येक कर्म बनें भगवान की प्रार्थना
9 स्वर योग से रोग निवारण 20 अंतर्मन की धुलाई एवं ब्राह्मी चेतना से विलय का नाम है – ध्यान
10 उदर-शुद्धि के कुछ उपाय 21 अति विलक्षण स्वाध्याय चिकित्सा
11 अन्य शास्त्रों के कुछ अनुभूत प्रयोग 22 आसन, प्राणायाम, बन्ध एवं मुद्राओं से उपचार
12 तत्वज्ञान से दिव्य दृष्टि 23 आध्यात्मिक चिकित्सा की प्रथम कक्षा-रेकी
13 स्वर योग का रहस्य 24 वातावरण की दिव्य आध्यात्मिक प्रेरणाएँ
14 स्वर संबंधी कुछ आवश्यक जानकारी 25 संयम है प्राण-ऊर्जा का संरक्षण, सदाचार ऊर्ध्वगमन
15 स्वर बदलना 26 जीवनशैली आध्यात्मिक हो
16 स्वर संयम से दीर्घ जीवन 27 अचेतन की चिकित्सा करने वाला एक विशिष्ट सैनिटोरियम
17 स्वर को बदलने की सरल रीति 28 अथर्ववेदीय चिकित्सा पद्धति के प्रणेता युगऋषि
18 अग्नि निवारण कौशल 29 भविष्य का सम्पूर्ण व समग्र विज्ञान : अध्यात्म
19 स्वर परिवर्तन के हानि-लाभ 30 पञ्चशीलों को अपनायें, आध्यात्मिक चिकित्सा की ओर कदम बढ़ायें
20 मनचाही संतान उत्पन करना 31 आध्यात्मिक चिकित्सा
21 स्वर योग से रोग निवारण 32 अथर्वण विद्या की चमत्कारी क्षमता
22 उदर-शुद्धि के कुछ उपाय 33 सद्गुरु की कृपा से तरते हैं भवरोग
23 अन्य शास्त्रों के कुछ अनुभूत प्रयोग 34 मानवी जीवन आध्यात्मिक रहस्यों से भरा
24 तत्वज्ञान से दिव्य दृष्टि 35 आध्यात्मिक चिकित्सा का मूल है आस्तिक
मानसिक संतुलन 36 नैतिकता की नीति, स्वास्थ्य की उत्तम डगर
1 37 कर्मफल के सिद्धान्त को समझना भी अनिवार्य
2 असंतुलन असफलता का मूल कारण है 38 चित्त के संस्कारों की चिकित्सा
3 मानसिक असंतुलन से आध्यात्मिक पतन 39 पूर्वजन्म के दुष्कर्मों का परिमार्जन जरूरी
4 मानसिक संतुलन और समत्व की भावना 40 प्रारब्ध का स्वरूप एवं चिकित्सा में स्थान
5 अति सर्वत्र वर्जयेत 41 इन ग्रन्थों के मंत्रों में छिपे पड़े हैं अति गोपनीय प्रयोग
6 एकांगी विकास की हानियाँ 42 आध्यात्मिक तेज का प्रज्वलित पुंज होता है चिकित्सक
7 जीवन में संतुलन का महत्त्व 43 आध्यात्मिक निदान-पंचक
8 उत्तेजना के दुष्परिणाम 44 चिकित्सक व्यक्तित्व तप:पूत होता है
9 संतुलित जीवन की विघातक प्रवृत्तियाँ 45 ज्योतिर्विज्ञान की महती भूमिका
10 क्रोध पतन की ओर धकेलता है 46 तंत्र एक सम्पूर्ण विज्ञान, एक चिकित्सा पद्धति
11 ईर्ष्या की आन्तरिक अग्नि 47 मंत्र विद्या असम्भव को सम्भव बनाती है
12 निराशा हमारी महान शत्रु है 48 व्यक्तित्व की समग्र साधन हेतु चान्द्रायण तप
13 चिड़चिड़ापन और रूखापन 49 प्रत्येक कर्म बनें भगवान की प्रार्थना
14 जीवन को सुखी बनाने का मार्ग 50 अंतर्मन की धुलाई एवं ब्राह्मी चेतना से विलय का नाम है – ध्यान
15 मानसिक संतुलन 51 अति विलक्षण स्वाध्याय चिकित्सा
16 असंतुलन असफलता का मूल कारण है 52 आसन, प्राणायाम, बन्ध एवं मुद्राओं से उपचार
17 मानसिक असंतुलन से आध्यात्मिक पतन 53 आध्यात्मिक चिकित्सा की प्रथम कक्षा-रेकी
18 मानसिक संतुलन और समत्व की भावना 54 वातावरण की दिव्य आध्यात्मिक प्रेरणाएँ
19 अति सर्वत्र वर्जयेत 55 संयम है प्राण-ऊर्जा का संरक्षण, सदाचार ऊर्ध्वगमन
20 एकांगी विकास की हानियाँ 56 जीवनशैली आध्यात्मिक हो
21 जीवन में संतुलन का महत्त्व 57 अचेतन की चिकित्सा करने वाला एक विशिष्ट सैनिटोरियम
22 उत्तेजना के दुष्परिणाम 58 अथर्ववेदीय चिकित्सा पद्धति के प्रणेता युगऋषि
23 संतुलित जीवन की विघातक प्रवृत्तियाँ 59 भविष्य का सम्पूर्ण व समग्र विज्ञान : अध्यात्म
24 क्रोध पतन की ओर धकेलता है 60 पञ्चशीलों को अपनायें, आध्यात्मिक चिकित्सा की ओर कदम बढ़ायें
25 ईर्ष्या की आन्तरिक अग्नि पंचतत्वों द्वारा-संपूर्ण रोगों का निवारण
26 निराशा हमारी महान शत्रु है 1
27 चिड़चिड़ापन और रूखापन 2 मिट्टी का उपयोग
28 जीवन को सुखी बनाने का मार्ग 3 अग्नि द्वारा आरोग्य
निरोग जीवन का राजमार्ग 4 वाष्प चिकित्सा
1 5 शारीरिक ताप द्वारा सेंक
2 प्रकृति हमारी भूलें सुधारती है 6 अग्नि उपासना
3 रोग से डरने की आवश्यकता नहीं 7 जल चिकित्सा
4 रोगों तथा अस्वस्थता को निमन्त्रण 8 वायु चिकित्सा
5 स्वस्थ रहने की दिनचर्या 9 आकाश-चिकित्सा
6 आत्महत्या मत कीजिए 10 ” भावना मंत्र ”
7 हास्योपचार सर्वोत्तम है 11 पंचतत्वों की दैनिक साधना
8 स्वास्थ्य स्वाभाविक है 12 पंचतत्व चिकित्सा का समन्वय
9 प्रकृति हमारी भूलें सुधारती है 13 पंचतत्वों द्वारा-संपूर्ण रोगों का निवारण
10 रोग से डरने की आवश्यकता नहीं 14 मिट्टी का उपयोग
11 रोगों तथा अस्वस्थता को निमन्त्रण 15 अग्नि द्वारा आरोग्य
12 स्वस्थ रहने की दिनचर्या 16 वाष्प चिकित्सा
13 आत्महत्या मत कीजिए 17 शारीरिक ताप द्वारा सेंक
14 हास्योपचार सर्वोत्तम है 18 अग्नि उपासना
पातंजलि योग का तत्वदर्शन 19 जल चिकित्सा
1 20 वायु चिकित्सा
2 सत्य की समर्थ साधना 21 आकाश-चिकित्सा
3 अस्तेय का दर्शन और रहस्य 22 ” भावना मंत्र ”
4 ब्रह्मचर्य शारीरिक ही नहीं, मानसिक भी 23 पंचतत्वों की दैनिक साधना
5 पूँजी को रोककर न रखें 24 पंचतत्व चिकित्सा का समन्वय
6 शुचिता और स्वच्छता क्या खाएं ? क्यों खाएं ? कैसे खाएं ?
7 असन्तोष की अवांछनीय मन:स्थिति 1
8 तप साधना का परम पुरुषार्थ 2 भोजन का आध्यात्मिक उद्देश्य
9 स्वाध्याय में प्रमाद न करें 3 प्राकृतिक आहार
10 ईश्वर का विश्वास और आराधना 4 फलों की रोग निवारक शक्तियाँ
11 सरल और सर्वोपयोगी आसन व्यायाम 5 फलों के बीज पौष्टिक खाद्य
12 तीन सरल प्राणायाम 6 तरकारियां अधिक लीजिए
13 अवांछनीयताओं का प्रतिकार-प्रत्याहार 7 सलाद तैयार करें
14 उत्कर्ष के लिए आवश्यक धर्म-धारणाएँ 8 दुग्धाहार
15 सर्वोपयोगी ध्यान धारणा 9 अन्नाहार
16 समाधि मात्र कौतुहल नहीं है 10 महान उपकारी जल तत्व
17 अहिंसा और उसकी परिधि 11 रोग नाशक जल
18 सत्य की समर्थ साधना 12 जल के अमृतोमय गुण
19 अस्तेय का दर्शन और रहस्य 13 दैनिक जीवन में जल का प्रयोग
20 ब्रह्मचर्य शारीरिक ही नहीं, मानसिक भी 14 चमत्कारी विटामिन ; अभाव एवं प्राप्ति
21 पूँजी को रोककर न रखें 15 ये चीजें अधिक न खाएँ
22 शुचिता और स्वच्छता 16 अच्छी पाचन शक्ति का रहस्य
23 असन्तोष की अवांछनीय मन:स्थिति 17 आपकी खुराक क्या हो ?
24 तप साधना का परम पुरुषार्थ 18 जीवन रक्षक पदार्थ तथा उनका विवेक पूर्ण उपयोग
25 स्वाध्याय में प्रमाद न करें 19 अल्पाहार : दीर्घायु का रहस्य
26 ईश्वर का विश्वास और आराधना 20 भोजन के समय की मन:स्थिति
27 सरल और सर्वोपयोगी आसन व्यायाम 21 कुदृष्टि से सावधान रहें
28 तीन सरल प्राणायाम 22 शरीर के कायाकल्प का साधन-भोजन
29 अवांछनीयताओं का प्रतिकार-प्रत्याहार 23 भोजन का आध्यात्मिक उद्देश्य
30 उत्कर्ष के लिए आवश्यक धर्म-धारणाएँ 24 प्राकृतिक आहार
31 सर्वोपयोगी ध्यान धारणा 25 फलों की रोग निवारक शक्तियाँ
32 समाधि मात्र कौतुहल नहीं है 26 फलों के बीज पौष्टिक खाद्य
प्रज्ञा अभियान का योग व्यायाम 27 तरकारियां अधिक लीजिए
1 28 सलाद तैयार करें
2 योग व्यायाम 29 दुग्धाहार
3 प्रज्ञा योग व्यायाम 30 अन्नाहार
4 प्राणायाम 31 महान उपकारी जल तत्व
5 उषापान जल प्रयोग (वाटर थेरेपी) 32 रोग नाशक जल
6 शिवसंकल्पोपनिषद् 33 जल के अमृतोमय गुण
7 योग व्यायाम : दिशा और धारा 34 दैनिक जीवन में जल का प्रयोग
8 योग व्यायाम 35 चमत्कारी विटामिन ; अभाव एवं प्राप्ति
9 प्रज्ञा योग व्यायाम 36 ये चीजें अधिक न खाएँ
10 प्राणायाम 37 अच्छी पाचन शक्ति का रहस्य
11 उषापान जल प्रयोग (वाटर थेरेपी) 38 आपकी खुराक क्या हो ?
12 शिवसंकल्पोपनिषद् 39 जीवन रक्षक पदार्थ तथा उनका विवेक पूर्ण उपयोग
प्राणघातक व्यसन 40 अल्पाहार : दीर्घायु का रहस्य
1 41 भोजन के समय की मन:स्थिति
2 मदिरा प्रकृति प्रतिकूल है 42 कुदृष्टि से सावधान रहें
3 तम्बाकू काहानिकारक प्रभाव ब्रह्मचर्य जीवन की अनिवार्य आवश्यकता
4 बीडी, सिगरेट हुक्का पीने से हानियाँ 1
5 पान से चरित्रहीनता की वृद्धि होती है 2 इंद्रिय संयम की महिमा
6 सभ्यता का विषः चाय 3 हिन्दू धर्म की अनुपम निधि
7 भाँग, गाँजा और चरस का नाशकारी कुटेव 4 ब्रह्मचर्य की विश्वव्यापी महिमा
8 अफीम का घातक दुर्व्यसन 5 आधुनिक विद्वानों द्वारा समर्थन
9 कोकेन का घातक व्यसन 6 ब्रह्मचर्य के विषय में भ्रान्तियाँ:उसकी उपेक्षा
10 हमारी सभ्यता का कलंक-नैतिक चरित्रहीनता 7 वर्तमान शिक्षा संस्थाओं की दुर्गति
11 सिनेमा विनाश या मनोरंजन? 8 घरों की असंतोषजनक व्यवस्था
12 अश्ललील उत्तेजक विचार 9 सिनेमा की सत्यानाशी हवा
13 अभक्ष पदार्थों का सेवन 10 अश्लील साहित्य और चित्र आदि
14 अण्डे खाना स्वास्थ्य के लिए हितकारी नहीं 11 ब्रह्मचर्य रक्षा कैसे करें
15 प्राणघातक व्यसन 12 ब्रह्मचर्य और स्वादेंद्रिय
16 मदिरा प्रकृति प्रतिकूल है 13 ब्रह्मचर्य और मनोविकार
17 तम्बाकू काहानिकारक प्रभाव 14 ईश्वर परायणता और आस्तिक भाव
18 बीडी, सिगरेट हुक्का पीने से हानियाँ
19 पान से चरित्रहीनता की वृद्धि होती है
20 सभ्यता का विषः चाय
21 भाँग, गाँजा और चरस का नाशकारी कुटेव
22 अफीम का घातक दुर्व्यसन
23 कोकेन का घातक व्यसन
24 हमारी सभ्यता का कलंक-नैतिक चरित्रहीनता
25 सिनेमा विनाश या मनोरंजन?
26 अश्ललील उत्तेजक विचार
27 अभक्ष पदार्थों का सेवन
28 अण्डे खाना स्वास्थ्य के लिए हितकारी नहीं

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Twitter picture

You are commenting using your Twitter account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s

%d bloggers like this: